Sonipat के पीडब्ल्यूडी बी एंड आर विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में नाबार्ड द्वारा जांच के बाद खुलासा हुआ कि साल 2022 में 40-50 लाख रुपए की लागत से प्रस्तावित रिटेनिंग वॉल का निर्माण केवल कागजों पर किया गया था। शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी को यह कार्य छह महीने में पूरा करना था, लेकिन वॉल धरातल पर नहीं बनाई गई।
अब ढाई साल बाद, अधिकारियों ने मामले को छिपाने के लिए 25 अक्टूबर 2024 को निर्माण शुरू किया, जिसमें निम्न गुणवत्ता की सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। पीडब्ल्यूडी के एसडीओ रविंद्र दत्ता, जेई नवनीत और अन्य अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी के साथ मिलकर योजना बनाई और 50 लाख रूपए का बजट भ्रष्टाचार के हिस्सों में बाँटा।
धरातल पर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि रिटेनिंग वॉल केवल कागजों में बनाई गई थी और वास्तविकता में सिर्फ नींव खुदाई हुई थी। ढाई साल बाद भ्रष्टाचार के डर से आनन-फानन में दीवार का निर्माण घटिया ईंटों और खराब सामग्री के साथ शुरू किया गया है। कमजोर गुणवत्ता के कारण दीवार का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा और यह समय से पहले ही गिर सकती है।
सोनीपत के ग्रामीण क्षेत्रों में पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत सड़कों का निर्माण कार्य बदहाल स्थिति में है। कई सड़कें कागजों में टेंडर होने के बावजूद वर्षों से बन नहीं पाई हैं। पुरखास रोड और छहतेरा से कव्वाली रोड की स्थिति खराब है और जांच का विषय बनी हुई है।