धान की कटाई के सीजन के उपरांत फसल अवशेष में आग लगाने के मामलों में Sonipat में जिला उपायुक्त के आदेश के बाद कृषि विभाग ने कई मामले काफी कंट्रोल किए है। सोनीपत जिले में अभी तक के फसल अवशेष आग के आठ मामले आए हैं। वहीं जिला उपायुक्त भी फसल अवशेष के मामलों को लेकर काफी सख्त नजर आ रहे हैं। निर्देश जारी किया गया है कि कोई भी मामला सामने आता है तो केस दर्ज कर जुर्माना लिया जाएगा। वहीं शहर में अवैध रूप से पटाखा बिकने को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।
जैसे ही मौसम बदलता है तो दिल्ली एनसीआर की हवा खराब होने लगती है और ऐसे में एनजीटी द्वारा भी सख्त आदेश जारी किए गए हैं। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण न हो इसके लिए सोनीपत का जिला प्रशासन अपने एक्शन मोड में पहले से ही नजर आ रहा है। सोनीपत की उपायुक्त डॉक्टर मनोज यादव ने बताया कि सोनीपत में पराली फसल अवशेष प्रबंधन में काफी बेहतरीन काम किया है। इसके चलते 99.99 % किसानों ने अपनी पराली जलाने की बजाए फसल अवशेष प्रबंधन किया है और किसानों ने बहुत कम खेतों में आग लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी गाइडलाइन जारी
जिला उपायुक्त ने यह भी कहा कि पराली जलाने से नुकसान होते हैं भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है। फसल अवशेष का निस्तारण किया जा सकता है और किसानों से यह भी कहा है कि अगर अपनी फसल अवशेष को नहीं बेच पा रहे हैं तो जिला उपायुक्त कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। वहीं उन्होंने किसानों को यह भी कहा है कि अपने खेतों में किसी भी प्रकार की कोई आग नहीं लगानी है। फसल अवशेष आग को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही शक्ति हिदायतें प्रत्येक जिला उपायुक्त को दी गई है। वही फसल अवशेष जलाने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी और जुर्माने का भी प्रावधान किया जाएगा। जिससे उन्हें और उनके परिवार को परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
वहीं दीपावली का त्यौहार नजदीक आ रहा है और ऐसे में बाजार में बिकने वाले अवैध पटाखा प्रवीण नियंत्रण लगाने के लिए टीम गठित की गई है और उनके खिलाफ कार्यवाही के भी निर्देश जारी किए गए। उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि ना भंडारण और ना ही बेचने में कोई भी दुकानदार शामिल रहे। पटाखा जलाने से प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और इसीलिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी गाइडलाइन जारी की गई है।