हरियाणा के सोनीपत शहर में मुरथल रोड़ के पास आदर्श नगर क्षेत्र में ड्रेन में गिरे हुए 12 साल के बच्चे का 9 घंटे बाद शव मिला। पुलिस, नगर निगम और एनडीआरएफ की टीम ने ड्रेन में एक तरफ का पानी रोक कर ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ ड्रेन में उतरे गोताखोरों ने बच्चे की तलाश की। देर रात छात्र का शव बरामद किया गया। परिजनों ने नगर निगम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर खुले हुए मेन हॉल पर ढक्कन लगा हुआ होता तो वह गिरने से बच सकता था।
बच्चे के पिता राजू ने बताया कि उसका बेटा विवेक पक्की ड्रेन से गुजर कर मुरथल अड्डा चौक की तरफ जा रहा था, तभी अचानक से खुले हुए मैन हॉल से नीचे गिर गया और पानी में बह गया। इस दौरान उनके छोटे बेटे ने उनको बताया तो मौके पर पहुंचकर स्वयं ड्रेन में नीचे उतरा और बच्चे विवेक को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन विवेक नहीं मिला। पिता ने कहा कि अगर खुले हुए मैन हॉल पर ढक्कन लगा हुआ होता तो वह गिरने से बच सकता था।

ड्रेन पक्का करने का लंबे समय से चल रहा काम
बताया जा रहा है कि शहर के बीचों बीच ड्रेन नम्बर 6 को पक्का करने का काम लम्बे समय से चल रहा है। नगर निगम के कर्मचारियों और ठेकेदार की लापरवाही के कारण एक घर का चिराग बुझा गया। प्रशासन द्वारा बच्चे को निकालने के लिए पूरी ताकत झोंकी गई, लेकिन समय रहते हुए मैन हॉल के ढक्कन को अगर बंद किया जाता तो यह हादसा ना होता।

खुले पड़े हैं मैन हॉल के ढक्कन
जानकारी देते हुए शहरवासियों ने बताया है कि ड्रेन 6 को पक्का करने के बाद अलग-अलग जगह मैन हॉल के ढक्कन खुले पड़े है। अफसरशाही व एंजेसी की लापरवाही से निर्माण कार्य तय समय पर नहीं हुआ और कई बार डेड लाइन बढ़ाने के बाद भी काम अधूरा पड़ा है। जिसका हर्जाना आए दिन हो रहे हादसों से स्थानीय लोगों को चुकाना पड़ रहा है।

निर्माण कार्य के दौरान नाले के पास न कोई खतरे का साइन बॉर्ड, सूचना पटल, न कोई विकल्प आने जाने के लिए दिया गया और न ही किसी चौकीदार की व्यवस्था की गई है। ट्रेन नंबर 6 से सटे हुए काफी घरों के सामने भी कई फीट तक गहरे गड्ढे खोदे गए हैं।
निर्माण में बरती जा रही लापरवाही
आरोप है कि टेंडर की डेडलाइन कई बार अपग्रेड हुई, करोड़ों-अरबों की लागत से बनने वाले नाले निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है। नाले के पास रह रहे व आने जाने वालों के लिए भी कोई व्यवस्था नही की गई है। नगर निगम द्वारा दी गई एजेंसी का कार्य राम भरोसे चलता है और जिसकी लापरवाही के चलते 12 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई।

वहीं आरोप ये भी लगाए गए है कि 70 प्रतिशत कार्य दिखाकर पेमेंट की गई। अफसरशाही व ठेकेदारी की मिलीभगत के कारण अलग अलग हिस्सों के 70 प्रतिशत कार्य को गलत तरीके से हुए कार्य को दिखाकर पेमेंट की गई।