Anil Vij gave instructions

Haryana में अनुपस्थित खाकी वर्दी वालों पर कड़ा संज्ञान, Anil Vij के निर्देश, अधूरे पड़े गंभीर मामले वाले कर्मी रहेंगे सस्पेंड, एक दर्जन को मिल सकती है राहत

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हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने करीब 3 से 6 महीने तक अनुपस्थित रहने वाले खाकी वर्दी वालों पर कड़ा संज्ञान लिया है। अनिल विज ने ऐसे कुछ कर्मियों के मामले में विचार करने के बाद बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि ऐसे पुलिस कर्मी जिनके खिलाफ गंभीर शिकायतों के मामले अधूरे पड़े हैं, उन्हें दोबारा नौकरी पर वापस लाने की उम्मीद कम है। उन्हें फिलहाल सस्पेंड रखा जाएगा। साथ ही जिन पुलिस कर्मियों के खिलाफ गंभीर मामले नहीं हैं, उन्हें दोबारा पुलिस फोर्स में शामिल करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। गृहमंत्री अनिल विज ने इस मामले में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद को निर्देश जारी किए हैं।

बता दें कि इस मामले में गृह मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर 3 से 6 महीने तक की अवधि के लिए गैरहाजिर हुए पुलिस कर्मियों की नौकरी को लेकर निपटारा करने को कहा था। जिससे पुलिस महकमे में चल रही कर्मियों की कमी को पूरा किया जा सके। साथ ही न्याय के लिए इंतजार कर रहे पुलिस कर्मियों और उनके परिवार को राहत मिल सके। चिंतित गृह मंत्री विज ने पत्र में राज्य के विभिन्न थानों, पुलिस चौकियों में पुलिस कर्मियों की कमी का मसला उठाया था। हरियाणा पुलिस में कम संख्या बल को लेकर चिंतित गृह मंत्री अनिल विज ने 3 से 6 महीने और इससे कम अनुपस्थित पुलिस कर्मियों के मसले पर सहानुभूति के साथ विचार कर निर्देश जारी किए थे।

विज आईएएस

बता दें कि विज के पास लगातार इस तरह के मामलों में न्याय की गुहार लेकर पुलिस कर्मी अथवा उनके परिवार गुहार लगा रहे थे। विज के इस फैसले से पुलिस कर्मियों को बड़ी राहत मिली है। वहीं विभागीय सूत्रों की मानें तो गृहमंत्री अनिल विज ने करीब 3 से 6 माह तक गैरहाजिर रहने वाले पुलिस कर्मियों के मामलों में सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के निर्देश जारी किए थे।

इसके बाद गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से मामलों का फिर से अध्ययन किया गया। जिसमें करीब दर्जनभर पुलिस कर्मियों (कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और एएसआई) को दोबारा नौकरी पर लिए जाने के निर्देश जारी किए गए। वहीं इस तरह के 20 से ज्यादा मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें करीब 10 मामलों में राहत नहीं मिल रही है। बताया जा रहा है कि इसके खिलाफ गंभीर मामले अधूरे पड़े हैं। ऐसे में उनकी बहाली पर फिलहाल तलवार लटकती नजर आ रही है।

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