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Surajkund mela-2025: संस्कृति और स्वाद का महाकुंभ: नगाड़ों की गूंज, शिल्प का जादू और जायकों का सफर बन रहा आकर्षण

हरियाणा फरीदाबाद

Faridabad अरावली की खूबसूरत वादियों में चल रहा अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला इस बार भी अपनी भव्यता, सांस्कृतिक विविधता और लज़ीज़ व्यंजनों के लिए सुर्खियों में है। रविवार को मेले में 45,000 से अधिक पर्यटकों ने शिरकत की, जिससे हस्तशिल्प कलाकारों और स्टॉल संचालकों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

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हस्तशिल्प की अनूठी दुनिया

सूरजकुंड मेला दुनिया भर के हस्तशिल्प कलाकारों और कारीगरों को एक मंच देता है, जहां वे अपनी कला को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं। हर स्टॉल पर खरीदारों की भीड़ देखी गई, जो विभिन्न राज्यों और देशों की शिल्पकला को सराह रहे थे।

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नगाड़ों की गूंज और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

मेले के हर प्रवेश द्वार पर बंचारी के नगाड़ों की गूंज सुनाई दी, जिनकी धुन पर पर्यटकों ने जमकर नृत्य किया। मेला परिसर में दो मुख्य सांस्कृतिक मंच—छोटी चौपाल और बड़ी चौपाल—पर रंगारंग प्रस्तुतियों का सिलसिला जारी रहा।

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  • छोटी चौपाल पर राय प्रदीप चौहान ने शानदार रागिनी सांग प्रस्तुत किए।
  • नोएडा से आए कथक कलाकारों ने रामायण की घटनाओं को कथक के माध्यम से जीवंत किया।
  • बड़ी चौपाल पर हरियाणा की लोक संस्कृति को रागिनी के रूप में दर्शाया गया।

विदेशी कलाकारों की जादुई प्रस्तुतियां

इस बार मेले में कई विदेशी सांस्कृतिक दलों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। जिनमें, जिम्बाब्वे के कलाकारों ने विक्ट्री डांस किया। युगांडा के दल ने किटागुरूरू नृत्य से मंत्रमुग्ध कर दिया। मालावी के कलाकारों ने नगोमा नृत्य, बेलारूस ने जिवीकल नृत्य, और म्यांमार के दल ने पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया। ओडिशा के कलाकारों ने अपने शिगरी नृत्य से खूब तालियां बटोरीं।

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फूड कोर्ट: जायकों की जन्नत

खरीदारी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद पर्यटकों ने फूड कोर्ट में विभिन्न राज्यों और देशों के पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लिया। इस बार 40 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश और हरियाणा के लज़ीज़ व्यंजन मिल रहे हैं। पर्यटक न सिर्फ मेले का आनंद ले रहे हैं, बल्कि यहां बने विशेष सेल्फी पॉइंट्स पर तस्वीरें खींचकर इन यादों को हमेशा के लिए संजो रहे हैं।

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ओडिशा थीम राज्य होने के कारण, वहां के खास पारंपरिक व्यंजन लोगों को बेहद पसंद आ रहे हैं। ओडिशा के कमलकांत प्रुष्टि अपने राज्य के खास व्यंजनों को पर्यटकों तक पहुंचा रहे हैं। इस बार मेले में पार्किंग व्यवस्था को बेहतर किया गया है, जिससे यातायात जाम की समस्या कम देखने को मिली। हालांकि, मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान कुछ देर के लिए जाम की स्थिति बनी थी।

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