सरकारी स्कूलों को मिली बड़ी सौगात, विज्ञान लैब के लिए खरीद सकेंगे नए उपकरण, बजट जारी

यमुनानगर

जिले के सभी सरकारी स्कूलों की साइंस लैब में अब आधुनिक और सभी आवश्यक उपकरण मौजूद होंगे।  शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को बजट जारी कर दिया गया है। जिससे सरकारी स्कूल साइंस लैब के लिए उपकरण और सामान खरीद सकते हैं।

स्कूलों को ये बजट सीनियर सेकेंडरी और हाईस्कूल श्रेणी के हिसाब से दिया गया है। बजट मिलने पर स्कूल लैब के लिए उपकरण और सामान खरीद सकेंगे। इससे विद्यार्थियों को लैब में विभिन्न प्रकार के प्रयोग करने में दिक्कत नहीं होगी।

स्कूलों को किया गया 20 हजार का बजट जारी

स्कूलों की ओर से इसके लिए काफी समय से मांग की जा रही थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों को साइंस लैब का समान खरीदने के लिए बजट जारी किया है। विभाग की ओर से सीनियर सेकेंडरी के 40 और हाई स्कूल के लिए 20 हजार रुपये का बजट जारी किया गया है।

जिले के सभी स्कूल बजट में शामिल

शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के सभी खंडों के सीनियर सेकेंडरी व हाई स्कूल को बजट जारी किया जा रहा है। जिले में कुल सात खंड है और 111 सीनियर सेकेंडरी और हाई स्कूल हैं। सबसे बड़ा खंड जगाधरी है। जगाधरी-यमुनानगर शहर के साथ गांव के भी स्कूल शामिल हैं। इस दौरान जगाधरी के 18 सीनियर सेकेंडरी के लिए 40 हजार और 17 हाई स्कूल के लिए 20 हजार रुपये बजट के रूप में जारी किए गए हैं।

लंबे समय से की जा रही थी उपकरण और अन्य सामान की मांग

जिले के लगभग सभी सरकारी सीनियर सेकेंडरी व हाई स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशाला बनी हुई है। अधिकांश में प्रयोग करने के लिए उपकरण व सामान की कमी थी। स्कूलों में उपकरण न होने के कारण विद्यार्थी कोई प्रयोग नहीं कर पा रहे थे। इसलिए स्कूल काफी समय से थे बजट जारी करने की मांग कर रहे थे।

लैब में सामान की कमी के कारण विद्यार्थियों को साइंस के प्रैक्टिकल समझने में दिक्कत होती थी। इसका असर विद्यार्थियों और प्रैक्टिकल अंकों पर भी पड़ता था।

खंड शिक्षा अधिकारी करेंगे लैब के सामान की पुष्टि

शिक्षा विभाग ने स्कूलों को बजट जारी किया गया है। वहीं प्रभारियों जल्द ही सामान खरीदने के निर्देश दिए हैं। विभाग शिक्षा स्तर बेहतर बनाने के लिए गंभीर है। विभाग ने स्कूलों में विज्ञान लैब का सामान खरीदने के लिए बजट दिया है। मुखियाओं को आवश्यकता अनुसार खरीदने के बाद इसकी जानकारी खंड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में देनी होगी। वहीं खंड शिक्षा अधिकारी इसकी पुष्टि करेंगे।