Delhi भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। जागरुकता की कमी और कैंसर से जुड़ी गलत धारणाएं इसे और खतरनाक बना रही हैं। दिल्ली स्थित कैलाश दीपक हॉस्पिटल के कंसल्टेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राहुल सिंह का कहना है कि सही जानकारी, शुरुआती जांच और स्वस्थ जीवनशैली कैंसर से बचाव और इलाज में अहम भूमिका निभाते हैं।
डॉ. राहुल सिंह के अनुसार, कैंसर कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। सही समय पर पहचान और इलाज से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। कैंसर को लेकर आम लोगों में कई मिथक फैले हुए हैं, जिन्हें दूर करना बेहद जरूरी है। ऐसे ही कुछ मिथक हैं, जिन्हे दूर करना जरूरी है।

कैंसर के बारे में मिथक और सच्चाई
1. मिथक: कैंसर का मतलब मौत है।
सच्चाई: कैंसर का समय पर पता चलने और सही इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
2. मिथक: कैंसर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैल सकता है।
सच्चाई: कैंसर संक्रामक नहीं है। यह किसी तरह के वायरस या बैक्टीरिया से नहीं फैलता।
3. मिथक: बायोप्सी करवाने से कैंसर फैलता है।
सच्चाई: बायोप्सी एक सुरक्षित प्रक्रिया है, जो कैंसर की सटीक पहचान में मदद करती है।
4. मिथक: सभी कैंसर अनुवांशिक होते हैं।
सच्चाई: ज्यादातर कैंसर जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों के कारण होते हैं, न कि अनुवांशिक।
5. मिथक: तंबाकू का सीमित उपयोग कैंसर का कारण नहीं बनता।
सच्चाई: तंबाकू किसी भी रूप में खतरनाक है और कैंसर का मुख्य कारण है।

महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर
शहरी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह भारत में महिलाओं का सबसे आम कैंसर है। “अधिकतर महिलाएं सामाजिक डर और जानकारी की कमी के कारण डॉक्टर के पास देर से पहुंचती हैं, जिससे इलाज जटिल हो जाता है।” सर्वाइकल कैंसर, जो दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है, शुरुआती चरण में पहचाना जा सकता है और वैक्सीन की मदद से इसे रोका भी जा सकता है।
तंबाकू और फेफड़ों का कैंसर
तंबाकू के सेवन से मुंह और फेफड़ों का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। डॉ. राहुल कहते हैं कि अगर लोग तंबाकू और धूम्रपान छोड़ दें, तो इन कैंसर के मामलों को 80% तक कम किया जा सकता है।
लक्षणों को पहचानें और समय पर इलाज कराएं
कैंसर का इलाज तभी सफल होता है जब इसे शुरुआती चरण में पहचाना जाए। डॉ. राहुल सिंह के अनुसार, निम्नलिखित लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:-
- मुंह में सफेद या लाल चकत्ते या घाव जो लंबे समय तक ठीक न हो।
- शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन।
- अनजानी जगह से रक्तस्राव।
- तिल या मस्से में बदलाव।
- आवाज में बदलाव, निगलने में परेशानी या सांस लेने में दिक्कत।
- मल-मूत्र की आदतों में बदलाव।
- अचानक वजन कम होना या भूख में कमी।
- बार-बार बुखार, कमजोरी और रात में पसीना आना।
कैंसर से बचाव के सुझाव
कैंसर से बचने के लिए डॉ. राहुल सिंह स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर देते हैं। साथ ही, तंबाकू और धूम्रपान से पूरी तरह बचें। शराब का सेवन सीमित करें। संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों। मोटापे से बचें और नियमित व्यायाम करें। पर्याप्त नींद लें और तनाव को योग या ध्यान से कम करें। नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं।