- सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को दी अंतरिम जमानत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक।
- कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा – महिला अधिकारियों के अपमान से जुड़ा बयान किस जगह दिया गया?
- SIT जांच के आदेश, प्रोफेसर को लेख, पोस्ट या भाषण देने से भी रोका गया।
Ali Khan Supreme Court Bail: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अंतरिम जमानत प्रदान कर दी है। प्रोफेसर की ओर से दाखिल गिरफ्तारी रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने हरियाणा सरकार से तीखे सवाल पूछे।
कोर्ट ने विशेष रूप से यह जानना चाहा कि वह कौन सा बयान है जिसमें महिला अधिकारियों का अपमान किया गया। कोर्ट ने पूछा कि यदि अपमान हुआ है तो उसका सटीक रिकॉर्ड और साक्ष्य पेश किया जाए। इस संबंध में कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस भी जारी किया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट), सोनीपत की संतुष्टि के अनुसार जमानत बांड प्रस्तुत करने पर रिहा किया जाए। यह बांड दोनों दर्ज एफआईआर के लिए एक ही सेट के रूप में मान्य होगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब तक यह मामला विचाराधीन है, तब तक प्रोफेसर किसी भी प्रकार का लेख, ऑनलाइन पोस्ट या भाषण नहीं देंगे जो इस केस से जुड़ा हो।
इतना ही नहीं, कोर्ट ने इस मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का भी आदेश दिया है जो संबंधित बयान और तथ्यों की निष्पक्ष जांच करेगा।
यह मामला तब उठा जब महिला अधिकारियों के सम्मान को लेकर बयानबाजी के आरोप में अली खान के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गईं थीं, जिसके बाद गिरफ्तारी की आशंका बनी हुई थी। प्रोफेसर अली खान ने कोर्ट में यह कहते हुए राहत मांगी थी कि उन्होंने कोई ऐसा बयान नहीं दिया जो किसी की मानहानि करे।