एशियाई खेलों के लिए पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को ट्रायल में छूट देने के मामले में लगातार विवाद बढ़ रहा है। एशियन गेम्स के ट्रायल में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को छूट देकर डायरेक्ट एंट्री पर भारतीय ओलिंपिक संघ की एडहॉक कमेटी के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
आज दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रायल छूट विवाद को लेकर सुनवाई हुई। अंतिम पंघाल और विशाल कालीरमन ने इस मामले में अपनी आवाज उठाई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने आज ही भारतीय कुश्ती महासंघ से हलफनामा मांगा है।
योगेश्वर दत्त ने बजरंग-विनेश को ट्रायल छूट देने पर जताई नाराजगी
ओलंपिक विजेता योगेश्वर दत्त ने बजरंग-विनेश को ट्रायल छूट देने पर नारादगी जताई है। उन्होंने कहा कि कुश्ती पहले ही बहुत शर्मशार हो चुकी है अब हम फिर से पहलवानों को सड़क पर नही देख सकते।
बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में बिना ट्रायल के सीधी एंट्री मिल गई है। इसे लेकर योगेश्वर दत्त और अंतिम पंघाल जैसे खिलाड़ी खुलेआम विरोध कर रहे हैं। विरोध इतना बढ़ चुका है कि अंतिम पंघाल सहित कई खिलाड़ी सड़क पर आ गए हैं और भारतीय ओलंपिक संघ के फैसले का खुलकर विरोध कर रहे हैं।
हिसार में अंतिम पंघाल समेत उनके परिजनों ने प्रदर्शन किया है। उनकी मांग है कि अन्य खिलाड़ियों की ही तरह विनेश और
बजरंग का भी ट्रायल किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो, यह अन्य खिलाड़ियों के साथ अन्याय करने जैसा होगा।
क्यों नाराज हैं पंघाल
अंतिम पंघाल ने कहा कि वह अंडर 20 वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। ऐसा करने वाली वह भारती की पहली महिला खिलाड़ी थी। इसके अलावा वह सीनियर एशिया चैंपियनशिप 2023 में सिल्वर मेडल भी जीत चुकी हैं।
अंतिम पंघाल ने कहा कि भारतीय ओलिंपिक संघ इन खिलाड़ियों को बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में भेज रहा है। पंघाल का आरोप है कि इससे पहले भी उसका और विनेश का ट्रायल हुआ था। उस दाैरान भी उनके साथ चीटिंग हुई थी।
उन्हें जंतर-मंतर धरने पर भी बुलाया गया था। उस दौरान उनसे कहा गया था कि वह छोटे बच्चों के लिए लड़ रहे हैं। बता दें कि विनेश और बजरंग ट्रायल नहीं दे रहे हैं। दोनों का ही 53 किलोग्राम और 65 किलोग्राम वर्ग में चयन हो चुका है।
निष्पक्ष ट्रायल की मांग
याचिका में मांग की गई है कि ट्रायल निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए। किसी भी पहलवान को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए।ट्रायल की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए।
याचिका में दलील दी गई है कि इन पहलवानों ने जंतर मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा था कि उनकी लड़ाई न्याय और जूनियर पहलवानों के हित के लिए है, अब वे जूनियर पहलवानों को किनारे करना चाहते हैं। इसलिए हमें इस फैसले के खिलाफ अदालत का रूख करना पड़ा।
याचिका में खासतौर से कहा गया है कि विनेश फोगाट व बजरंग पूनिया को ट्रायल के बगैर सीधा एशियन गेम्स में शामिल होने की अनुमति देना न्यायसंगत नहीं है।