भारत ने पुणे में खेले गए टी20 मैच में इंग्लैंड को 15 रनों से हराकर सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली, लेकिन इस जीत से ज्यादा चर्चा कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में आए Harshit Rana की हो रही है। हर्षित ने अपने डेब्यू मैच में ही तीन विकेट झटककर इंग्लैंड के मध्यक्रम की कमर तोड़ दी, जिससे इंग्लैंड टीम 166 रन पर ढेर हो गई। हालांकि, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन और मौजूदा कप्तान जोस बटलर इस फैसले से नाराज नजर आए।
मैच के दौरान पहली पारी में शिवम दुबे को सिर पर गेंद लगी थी, लेकिन उन्हें बल्लेबाजी जारी रखने की अनुमति दी गई। बाद में गेंदबाजी के लिए जब वह मैदान पर नहीं आए, तो उनकी जगह हर्षित राणा को कन्कशन सब्स्टिट्यूट के रूप में उतारा गया। इंग्लैंड के कप्तान बटलर ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह “लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट” नहीं था और इस पर स्पष्टता की जरूरत है।
क्या कहता है आईसीसी का नियम?
आईसीसी नियमों के अनुसार, कन्कशन रिप्लेसमेंट तब ही स्वीकार किया जाता है जब वह लाइक टू लाइक हो और किसी टीम को अतिरिक्त फायदा न मिले। बटलर और वॉन का मानना है कि दुबे मुख्य रूप से बल्लेबाज थे और पार्ट-टाइम गेंदबाज थे, जबकि हर्षित एक फुल-टाइम तेज गेंदबाज हैं।
सोशल मीडिया पर भी मचा बवाल
फैंस भी इस फैसले को लेकर बंटे नजर आए। कुछ लोगों ने इसे नियमों के खिलाफ बताया, जबकि कुछ ने इसे टीम इंडिया की रणनीति करार दिया। कुछ फैंस ने मजाक में कहा कि अब हर टीम को कन्कशन रिप्लेसमेंट के तौर पर तेज गेंदबाज को तैयार रखना चाहिए!
क्या यह पहला विवाद है?
ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब भारत को कन्कशन सब्स्टिट्यूट को लेकर सवालों का सामना करना पड़ा हो। 2020 में युजवेंद्र चहल, रवींद्र जडेजा की जगह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बतौर कन्कशन रिप्लेसमेंट आए थे और शानदार प्रदर्शन कर प्लेयर ऑफ द मैच बने थे।
मैच का हाल
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 181/9 का स्कोर खड़ा किया। दुबे और हार्दिक ने शानदार अर्धशतक जड़े। जवाब में इंग्लैंड की टीम 166 रन पर सिमट गई। हर्षित राणा और रवि बिश्नोई ने तीन-तीन विकेट लिए, जिससे भारत को जीत मिली।