Hisar लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले उचाना कलां में कांग्रेस(Congress) की जीत ने चौधरी बीरेंद्र सिंह(Birendra Singh) का कद कांग्रेस में बढ़ा दिया है। उचाना में कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को अच्छी बढ़त मिली, जिससे वह हिसार से जीतने में सफल हो सके। उचाना कलां में जयप्रकाश को 82,204 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी रणजीत चौटाला को सिर्फ 44,885 वोट मिले। जयप्रकाश ने यहां से 37,309 वोटों की बढ़त हासिल की। वहीं, उचाना के विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को मात्र 4,210 वोट मिले। उचाना के लोगों ने कांग्रेस के पक्ष में एक तरफा वोटिंग की।
बता दें कि चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनका परिवार इस चुनाव से पहले भाजपा(BJP) में थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह 2019 में भाजपा के टिकट पर हिसार लोकसभा सीट से सांसद बने थे। कांग्रेस में आने के बाद बृजेंद्र सिंह ने हिसार से लोकसभा टिकट की मांग की, लेकिन कांग्रेस ने जयप्रकाश को उम्मीदवार बनाया। इससे बीरेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके करीबी जयप्रकाश नाराज थे। उचाना में बीरेंद्र सिंह ने जयप्रकाश के लिए प्रचार नहीं किया, लेकिन अपने समर्थकों से कांग्रेस के पक्ष में वोट देने की अपील की। जयप्रकाश से नाराजगी के बावजूद बीरेंद्र सिंह ने अपने समर्थकों को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करवाया, जिसका लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में बीरेंद्र सिंह को मिल सकता है।
जजपा अब कमजोर हो चुकी है और भाजपा के पास उचाना कलां में कोई मजबूत स्थानीय चेहरा नहीं है। बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को विधानसभा का टिकट दिलाकर हरियाणा की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। 2009 से 2014 तक लोकसभा चुनावों में यहां इनेलो का दबदबा था। 2009 में इनेलो के संपत सिंह को 47 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि 2014 में इनेलो के दुष्यंत चौटाला को 87,243 वोट मिले थे। उस समय कांग्रेस, हजकां, बसपा समेत सभी उम्मीदवारों के कुल वोटों की संख्या भी दुष्यंत के वोटों से कम थी। कुल मतदान के 57 प्रतिशत वोट दुष्यंत को मिले थे।
दुष्यंत की पकड़ कमजोर
भाजपा सरकार को समर्थन देने के बाद से ही दुष्यंत की पकड़ इस इलाके में कमजोर हो गई। किसान आंदोलन और सत्ता विरोधी लहर ने भी जजपा की स्थिति को कमजोर कर दिया। इसके चलते कांग्रेस को फायदा हुआ और उचाना कलां में जयप्रकाश को बड़ी जीत मिली। बीरेंद्र सिंह के समर्थन से कांग्रेस का कद बढ़ा है और भविष्य में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह को विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने की संभावना है। बीरेंद्र सिंह की रणनीति सफल होती दिख रही है और वे अपनी राजनीतिक स्थिति को और मजबूत करने में लगे हुए हैं।