Karnal के सेक्टर 8 में स्थित राजपूत धर्मशाला में ऐलनाबाद के विधायक और इंडिया गठबंधन(India alliance) के प्रधान महासचिव अभय चौटाला का आरोप है कि कांग्रेस ने उनके गठबंधन में रहने से रोक लगा दी है, जिसके वजह से भाजपा सत्ता से बाहर रही है। अभय चौटाला ने कहा कि इस वजह से भाजपा की सत्ता इंडिया गठबंधन की हार से ही बची है। इसके बाद कांग्रेसी भी इस बात से निराश हो रहे हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अंतर(Difference) हैं।
अभय ने कहा भाजपा को सत्ता से हटाना सिर्फ इंडिया गठबंधन ही कर सकता है। लोगों ने उस गठबंधन को वोट दिया था। वह इसे एक संकेत मानते हैं कि अगर इंडिया गठबंधन में और पार्टियां शामिल होतीं, तो भाजपा को इस समय सत्ता से हटाया जा सकता था। अभय ने आगे कहा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अंतर होता है। विधानसभा चुनाव में इनेलो को लाकर उस स्थिति में खड़ा करेंगे कि बिना इनेलो के हरियाणा में सरकार नहीं बनेगी। इस दौरान अभय ने कांग्रेस के खिलाफ भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 70 पार के नारे पर पलटवार कर बोला, ‘कांग्रेस भी 30 पार नहीं कर पाएगी।
अभय चौटाला ने भाजपा की भी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा भी 75 पार का नारा देती थी, लेकिन उन्होंने 40 सीटें भी पार नहीं की। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बारे में भी अपनी राय देते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में हम बहुत सारे राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के साथ हैं। जब समय आएगा, हम भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए काम करेंगे।
अभय ने हुड्डा को भी बनाया निशाना
इन सबके बाद अभय ने हुड्डा को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उसके बेटे ने एक-एक विधानसभा में 10 से 15 लोगों को पीठ थपथपाई कर कह रखा है कि उनको टिकट दे देंगे। वे इस बात पर भी ध्यान दिलाए कि किसी भी पार्टी की टिकट एक विधानसभा में 15-15 नहीं होती, टिकट किसी एक को दी जाती है। उन्होंने हुड्डा को नसीहत दी, राज्यपाल से मिलने की बजाय, विधानसभा के स्पेशल सेशन की मांग करें।
हुड्डा ने मनोहर की मदद में नहीं छोड़ी कसर
इस समय करनाल लोकसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारियां भी चल रही हैं। इसके बीच अभय ने कहा हमने उस व्यक्ति को उतारा, जिसे कोई नहीं जानता था और उसने भाजपा को हराया। अभय ने भी मनोहर लाल में हुड्डा के लिए समर्थन दिया, कहा हुड्डा ने मनोहर लाल की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने यह भी कहा कि “भाजपा की पांच सीटें नहीं आती, अगर हुड्डा भाजपा से मिला हुआ नहीं होता।