Former Deputy CM Dushyant

चंडीगढ़ में Former Deputy CM दुष्यंत ने सरकारी कोठी की खाली, जानें इसमें रहने वाला क्यों नहीं बनता दोबारा

राजनीति पंचकुला

Chandigarh में स्थित सरकारी कोठी नंबर-48 हमेशा से चर्चा का केंद्र रही है। इस बार यह चर्चा हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम(Former Deputy CM) दुष्यंत चौटाला के कारण हो रही है। दुष्यंत चौटाला इस कोठी में रह रहे थे, लेकिन अब उन्होंने इसे खाली कर पंचकूला शिफ्ट होने का फैसला किया है। फिलहाल, यह कोठी किसी और को अलॉट नहीं हुई है।

कोठी नंबर-48 के बारे में कई धारणाएं जुड़ी हुई हैं। ऐसा माना जाता है कि इस कोठी में रहने वाले मंत्रियों का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित हो जाता है। उनके अगले विधानसभा चुनाव में जीतने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। दुष्यंत चौटाला भी इस कोठी को 5 साल पूरा होने से पहले ही खाली कर रहे हैं। हालांकि, अब वह मंत्री नहीं हैं, इसलिए उन्हें कोठी खाली करनी पड़ी। इससे पहले कोठी नंबर-78 के बारे में भी ऐसी ही धारणाएं प्रचलित थीं। इसलिए अब यह कोठी केवल आईएएस अफसरों को ही अलॉट की जाती है। ये कोठियां अन्य मंत्रियों की कोठियों की तरह ही अच्छी हैं, लेकिन उनके साथ जुड़ी नकारात्मक धारणाएं उन्हें खास बनाती हैं।

Former Deputy CM Dushyant - 2

सेक्टर-2 में स्थित कोठी नंबर-48 हरियाणा कोटे की अन्य कोठियों के बीच है, जिनमें मंत्री रहते हैं। इस कोठी में 1999 से 2005 तक इनेलो सरकार के चौधरी धीरपाल सिंह रहे थे। लेकिन इसके बाद वे चुनाव नहीं जीत पाए। इसके बाद कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह इस कोठी में रहने लगे, लेकिन 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्हें उचाना सीट पर ओमप्रकाश चौटाला ने हराया था।

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गठबंधन पर मिली थी दुष्यंत को

कांग्रेस के दूसरे कार्यकाल में 2009 में यह कोठी रणदीप सुरजेवाला को अलॉट हुई। वह चुनाव जीतकर विधानसभा तो पहुंचे, लेकिन कांग्रेस की सरकार सत्ता से बाहर हो गई, जिससे सुरजेवाला मंत्री नहीं बन सके और उन्हें कोठी खाली करनी पड़ी। 2014 में भाजपा सरकार बनने पर, यह कोठी वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को मिली। लेकिन वह भी 2019 के चुनाव में हार गए। गठबंधन सरकार बनने पर, 2019 में यह कोठी डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को मिली। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और गठबंधन टूटने के कारण सरकार से बाहर हो गए। अब दुष्यंत चौटाला इस कोठी को पांच साल पूरा करने से पहले ही खाली कर रहे हैं।

कोठी नंबर-78 का इतिहास

कोठी नंबर-78 भी ऐसी ही धारणाओं के कारण चर्चा में रहती है। इस कोठी में रहने वाले कई नेताओं का अगला चुनाव हार जाना लगभग तय माना जाता है। यहां रहने वाले कुछ प्रमुख नेताओं में तत्कालीन डिप्टी स्पीकर कुलबीर सिंह, सुषमा स्वराज, करतार देवी, बहादुर सिंह, रामबिलास शर्मा और फूलचंद मुलाना शामिल हैं। इनमें से कोई भी नेता अगली बार विधानसभा चुनाव नहीं जीत सका। इसके बाद कृष्णलाल पंवार को भी हार का सामना करना पड़ा। अब इस कोठी को केवल अफसरों को अलॉट किया जाता है। फिलहाल, इसमें मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव रह रहे हैं।

दुष्यंत चौटाला का पंचकूला शिफ्ट

दुष्यंत चौटाला का पंचकूला शिफ्ट होना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस कोठी में रहकर कई फैसले लिए और अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं और उन्हें कोठी खाली करनी पड़ी है।

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