साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को लगा था। अब साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण अक्टूबर महीने में लगने वाला है। पितृपक्ष के अंतिम दिन साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने वाला है। इस दिन अमावस्या की तिथि भी है। 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण से ठीक 15 दिन बाद 29 अक्टूबर लगेगा।
ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक नजरिए से ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ग्रहण के दौरान कई चीजों का विशेष ध्यान दिया जाता है। अब जल्द ही साल का आखिरी सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने वाला है। आपको बता दें कि सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों ही अक्तूबर माह में लगने जा रहा है।
14 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण और फिर इसके 15 दिन बाद यानी 28 अक्तूबर को चंद्र ग्रहण लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर जबकि चंद्रग्रहण पूर्णिमा तिथि पर लगता है।
सूर्य गर्हण का सही समय, भारत में मान्य नहीं होगा ग्रहण का सूतक काल
2023 का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा। ये ग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका में नजर आएगा। भारतीय समयानुसार, सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को रात 8:34 बजे शुरू होकर मध्यरात्रि 2:25 बजे खत्म होगा। क्योंकि ये भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए इसका सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा। इस महीने में साल का अंतिम सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ऐसे में एक का सूतक मान्य होगा और एक का नहीं। मतलब एक ग्रहण भारत में नजर आएगा और एक भारत के बाहर दिखेगा।
हिन्दु ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को माना जाता है अशुभ
सूर्य ग्रहण के दिन अमावस्या भी पड़ने वाला है। विज्ञान किसी भी ग्रहण को एक खगोलीय घटना मानता है, लेकिन हिन्दु ज्योतिष शास्त्र में इसे एक अशुभ घटना माना जाता है। धार्मिक मान्यताएं ये मानती हैं कि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती हैं।
2023 में पहले भी भारत में नजर नहीं आए थे सूर्यग्रहण
14 अक्टूबर को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा। यह वलयाकार होगा और इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। इस दौरान कुछ भी नया या खास काम करने की मनाही होती हैं। इसे मुख्य रूप से पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक और आर्कटिक जैसे देशों में देखा जा सकेगा। 2023 में इससे पहले के दो सूर्य ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आएं थे।
इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण
2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण से ठीक 15 दिन बाद लगेगा। चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर रात 1:06 बजे शुरू होगा और सुबह 2:22 बजे खत्म हो जाएगा। भारत में ग्रहण की अवधि 1 घंटा 16 मिनट की होगी। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका सूतक काल मान्य होगा। ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल में पूजा-पाठ करने की मानाही होती है। इस दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति को छूना भी मना होता हैं. ऐसे में घर पर रहने का प्रयास करें और भगवान की आराधना करें। ग्रहण काल के समय में किसी भी शुभ कार्य से परहेज करें।
भारत के आलावा इन देशों में नजर आएगा चंद्र ग्रहण
साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा के दिन 5 मई 2023 को लगा था। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था। भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी देखा जाएगा।
सूर्य ग्रहण के समय क्या करें
- सूर्य ग्रहण के समय मानसिक जप, तप करना चाहिए। आप भगवान सूर्य की पूजा कर सकते हैं, सूर्याष्टक स्तोत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र आदि सूर्य स्तोत्रों का पाठ कर सकते हैं। साथ ही राशि स्वामी ग्रह का मंत्र जप कर सकते हैं।
- तेल या घी में पका हुआ भोजन, दूध, लस्सी, तेल, घी, चटनी, मुरब्बा, अचार, पनीर, मक्खन आदि चीजों में तुलसीदल या कुश डालना चाहिए। ताकि ग्रहण की वजह से ये चीजें दूषित ना हो जाएं। लेकिन सूखे खाद्य पदार्थों में तिल या कुश डालने की आवश्यकता नहीं है।
- ग्रहण के समय पूजा पाठ करना शास्त्रों में वर्जित बताया गया है लेकिन मंत्रों का जप और पाठ कर सकते हैं, जिससे ग्रहण के प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श करना भी वर्जित है।
- ग्रहण काल में भोजन नहीं करना चाहिए। अगर आप किसी का श्राद्ध करना चाहते हैं तो ग्रहण काल में कर सकते हैं। वहीं अगर कोई बालक या वृद्ध व्यक्ति रोगी है तो उन पर ये नियम लागू नहीं होते।
- सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से ना देंगे और ना ही किसी धार्मिक स्थल पर प्रवेश करें। साथ ही बाल या नाखून काटने से बचना चाहिए और तेल मालिश भी नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय यात्रा करने से भी परहेज करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को काटना, बुनना, सोना या सिलना नहीं चाहिए, उनको ईश्वर का जप करना चाहिए। ग्रहण के पूरे समय अपने पास कुश और गंगाजल रखें। साथ ही घर से बाहर ना निकलें और ना ही ग्रहण देखें।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें
- सूर्य ग्रहण के मोक्षकाल यानी समापन के बाद घर, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, दुकान आदि कार्य स्थल की साफ-सफाई करनी चाहिए और हर जगह गंगाजल का छिड़काव करना उत्तम रहेगा।
- सूर्य ग्रहण के बाद सभी जगहों को नमक के पानी से धोना चाहिए, ताकि ग्रहण की नकारात्मक शक्तियां दूर रहें। इसके बाद खुद पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए और घर के देवी-देवताओं को भी स्नान करवाना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के बाद दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। ग्रहण के बाद आप तांबे के बर्तन, गेहूं, सूत (रुई), चना, नमक, गुड़ आदि चीजों का दान करना चाहिए। साथ ही गरीब व जरूरतमंद को भोजन करवा सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के उपाय
- सूर्य ग्रहण के समय गुड़, नमक, तांबे के बर्तन आदि चीजों का दान करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के समय छ नारियल लें और उनको अपने सिर पर वार कर बहते जल में प्रवाहित कर दें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें और मांस मदिरा आदि तामसिक चीजों से दूर रहें।
- कांसे की कटोरी में घी भरकर तांबे का सिक्का डाल दें, इसके बाद उसमें अपना मुंह देखें और फिर दान कर दें।
- आपके आसपास पीपल का पेड़ है तो उसे पानी दें और उसकी सेवा करें।
- सूर्य ग्रहण के समय तिल, नींबू, पका केला बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
चंद्र ग्रहण के दौरान ना करें ये काम
- चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
- ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। सूतक लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें। सूतक काल या ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने और पीने से परहेज करना चाहिए।
- इस दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण और सूतक काल के दौरान विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं को किसी भी परिस्थिति में ग्रहण देखने से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान सोने से मना किया जाता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान करें ये काम
- चंद्र ग्रहण का असर मन-मस्तिष्क पर पड़ता है। इसके कुप्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल के दौरान ध्यान करना चाहिए।
- इस दौरान जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान कम से कम 108 बार अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करें।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ता है।
- ग्रहण के दौरान अपने पास दूर्वा घास रखें। इस दौरान किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक तनाव नहीं लेना चाहिए।