2025 की पहली अमावस्या 12 जनवरी को, इस दिन का ऐतिहासिक महत्व और दुर्लभ संयोग

2025 की पहली अमावस्या 29 जनवरी को, इस दिन का ऐतिहासिक महत्व और दुर्लभ संयोग

धर्म

नया साल 2025 शुरू हो चुका है और इस साल की पहली अमावस्या 29 जनवरी को विशेष महत्व रखेगी। इस दिन एक ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो पूरे 144 साल बाद देखने को मिलेगा। यह अमावस्या मोनी अमावस्या होगी और इस दिन प्रयागराज में महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान भी होगा।

अमावस्या तिथि का समय:

  • अमावस्या तिथि की शुरुआत: 28 जनवरी 2025, शाम 7:29 बजे
  • अमावस्या तिथि का समापन: 29 जनवरी 2025, शाम 6:25 बजे
  • उदयातिथि के आधार पर स्नान और व्रत का दिन: 29 जनवरी 2025

विशेष संयोग:

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29 जनवरी को बनने वाला मोनी अमावस्या और महाकुंभ का दुर्लभ संयोग इस दिन के महत्व को और बढ़ा देगा। इस दिन पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ स्नान, दान और पवित्र कर्मों का विशेष महत्व है। मोनी अमावस्या पर मौन रहकर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जो विशेष फल प्रदान करती है।

महाकुंभ और शाही स्नान का महत्व:

इस दिन प्रयागराज में महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान भी होगा, जहां लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करेंगे। यह अवसर पवित्रता, धर्म और आस्था का प्रतीक बनता है।

इस विशेष दिन का लाभ लेने के लिए श्रद्धालु 29 जनवरी को विशेष ध्यान, व्रत और पूजा का आयोजन कर सकते हैं।

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