Nisha Dahiya को सोमवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 68 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में हाथ में चोट लगने के कारण हार का सामना करना पड़ा। निशा दक्षिण कोरिया की पाक सोल गम के खिलाफ दूसरे पीरियड में 8-2 से आगे चल रही थीं, तभी उनके दाहिने हाथ में चोट लग गई, जबकि मैच खत्म होने में अभी दो मिनट से अधिक का समय बचा था।
निशा दहिया की आंखों में हारने के बाद आंसू देखे गए। इस बीच उनकी प्रतिद्वंदी पहलवान सोल गुम ने आकर भी खेल भावना का उदाहरण देकर निशा को उठने में मदद की। भारतीय पहलवान ने इससे पूर्व पहले राउंड में यूक्रेन की टेटियाना सोवा को 6-4 के अंतर से हराकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश पाया था।
बता दें कि 2012 लंदन ओलंपिक्स में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाले दिग्गज पहलवान योगेश्वर दत्त ने दावा किया था कि निशा बेहद प्रतिभावान पहलवान हैं और उनसे कुश्ती में भारत को मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीद है। दुर्भाग्यवश किस्मत निशा के साथ नहीं रही।
13 वर्ष की उम्र से कुश्ती खेल रहीं निशा
ऐतिहासिक पानीपत की धरती पर जन्म लेने वाली निशा दहिया महज 13 वर्ष की उम्र से ही कुश्ती की ट्रेनिंग ले रहीं हैं। वह अपने परिवार में सबसे छोटी बेटी हैं। निशा ने अपने किसान पिता के सपने को पूरा करने के लिए कुश्ती के खेल को चुना।
निशा शुरुआत से पढ़ाई से ज्यादा खेलकूद की तरफ आकर्षित थीं, इसलिए परिवार वालों ने उनको गांव निडानी जिला जींद में कुश्ती के अभ्यास के लिए भेज दिया था। निशा ने अंडर-16 2014 एशियन खेल थाईलैंड में पहला मेडल जीता था।