गलवान में पर्यटकों की एंट्री संभव जानें कैसे

गलवान में पर्यटकों की एंट्री संभव, जानें कैसे

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-चार साल बाद गलवान में पर्यटकों की एंट्री की संभावना, गलवान वॉर मेमोरियल 15 जून को खुल सकता है

-भारत रणभूमि दर्शन’ प्रोग्राम के तहत पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया, गेस्ट हाउस और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा

-इनर लाइन परमिट की जरूरत नहीं होगी, लेकिन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहेगा, ऑनलाइन और सेंटरों पर व्यवस्था होगी।

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Galwan War Memorial Opening: भारत और चीन के बीच 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के चार साल बाद अब यह क्षेत्र फिर से चर्चा में है। भारतीय सेना के 20 वीर जवानों की शहादत का गवाह बना गलवान, अब पर्यटकों के लिए खुलने की तैयारी में है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 15 जून 2024 को गलवान वॉर मेमोरियल को पर्यटकों के लिए खोला जा सकता है। इसके लिए मई के अंत तक सभी आवश्यक कार्य पूरे करने की योजना बनाई गई है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लॉन्च किए गए ‘भारत रणभूमि दर्शन’ कार्यक्रम के तहत इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में पूर्वी लद्दाख में तापमान माइनस 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। हालांकि, अप्रैल के पहले सप्ताह से तापमान बढ़ते ही टूरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का कार्य तेज किया जाएगा।

वर्तमान में 256 किलोमीटर लंबे दुर्बुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (DSDBO) रोड पर केवल श्योक गांव तक नागरिकों को जाने की अनुमति थी। 2020 के बाद इस क्षेत्र में केवल सेना और स्थानीय लोगों की आवाजाही थी। गलवान में हिंसा में शहीद हुए जवानों की याद में अक्टूबर 2020 में DSDBO रोड के KM 120 पोस्ट पर वॉर मेमोरियल बनाया गया था। अब इसे आम नागरिकों के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है।

बंजर इलाकों में पर्यटकों के लिए सुविधाएं

दुर्बुक से एक रास्ता पैंगोंग झील की ओर जाता है और दूसरा दौलत बेग ओल्डी की ओर। इस क्षेत्र में अब तक पर्यटकों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं थी। लेकिन अब यहां गेस्ट हाउस, कैफेटेरिया और होम स्टे जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। श्योक गांव में भी रहने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे पर्यटकों को ठहरने में परेशानी न हो।

पर्यटकों के लिए इनर लाइन परमिट की बाध्यता खत्म कर दी जाएगी, हालांकि उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी होगी और इसके लिए कुछ सेंटर भी बनाए जाएंगे। चूंकि यह क्षेत्र हाई ऑल्टिट्यूड पर स्थित है, इसलिए पर्यटकों को जरूरी मेडिकल गाइडलाइंस का पालन करना होगा।