Ghaziabad में जीएसटी विभाग के एक आदेश ने यूपी में हड़कंप मचा दिया है। इस आदेश ने कारोबारियों की नींद उड़ा दी है। इसके विरोध में व्यापारी संगठन लामबंद होने लगे हैं। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल की गाजियाबाद इकाई के प्रतिनिमंडल ने राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इस फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की गई।
जानिए आखिर क्या है मामला
दरअसल, विभाग ने हाल ही में लोहा और पान मसाला कारोबारियों की औद्योगिक इकाइयों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था। कर चोरी रोकने के लिए विभाग ने यह कदम उठाया था, लेकिन आदेश अमल में आने से पहले ही विरोध की आवाज उठने लगी हैं। व्यापारी संगठनों ने इस आदेश को अनुचित बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया है।
कारोबारियों में भय का माहौल
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल, गाजियाबाद के जिला अध्यक्ष प्रीतम लाल के नेतृत्व में व्यापारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन अपर आयुक्त ग्रेड-1 को सौंपा। जिसमें इस फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की गई। व्यापारी नेता ने कहा कि विभाग द्वारा इकाइयों के गेट पर पर जबरन सीसीटीवी कैमरे लगाने का मौखिक दबाव बनाया जा रहा है, जिसके कारण कारोबारियों में भय का माहौल है।
केवल यूपी में ही लागू व्यवस्था
व्यापारी नेताओं ने कहा कि इस प्रकार की व्यवस्था पूरे देश में केवल यूपी में ही लागू की गई हे। अन्य किसी प्रदेश में ऐसी व्यवस्था नहीं है। यह सीधे तौर पर अराजकता का एक उदाहरण है। इससे कुछ समय के लिए प्रदेश के राजस्व में वृद्धि हो सकती है, लेकिन आदेश लंबे समय के लिए प्रदेश के हित के लिए नहीं है। इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा, बड़े उद्योग यूपी से पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे।
घबराए हुए हैं कारोबारी
व्यापारी नेताओं ने कहा कि पान मसाला व लोहे के साथ-साथ अन्य ट्रेड के कारोबारी भी जीएसटी विभाग के आदेश से घबराए हुए हैं। अन्य किसी दूसरे राज्यों में भविष्य की योजनाओं को लेकर कार्य करने लगे हैं। इस आदेश को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए ताकि एक राष्ट्र-एक टैक्स की अवधारणा का पालन किया जा सके।
ये व्यापारी नेता रहे मौजूद
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन गाजियाबाद राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त ग्रेड-1 भूपेंद्र शुक्ला को सौंपा गया। इस अवसर पर कई प्रमुख व्यापारी नेता मौजूद रहे, जिनमें संजय शर्मा (मीडिया प्रभारी), के.एन. डंगवाल (जिला उपाध्यक्ष), संजय जैन, राकेश गोसाई, श्याम किशोर शुक्ला (जिला कोषाध्यक्ष), भगत सिंह मनराल (जिला संयुक्त महामंत्री), आशीष शर्मा (जिला युवा अध्यक्ष), पवन कौशिक, संदीप बठला (गाजियाबाद विधानसभा अध्यक्ष) और अरुण कुमार श्रीवास्तव प्रमुख रूप से शामिल थे।