Story of Hathras Satsang

Faridabad की महिला की जुबानी…हाथरस सत्संग की कहानी, जानें कैसे-कैसे हालातों का किया सामना

उत्तर प्रदेश फरीदाबाद हरियाणा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग(Hathras Satsang) के दौरान हुई घटना को लेकर फरीदाबाद(Faridabad) की एक महिला सामने आई है, जो कि सुरक्षित अपने घर पहुंच चुकी हैं। हालांकि भीड़ के उस दृश्य में महिला एवं उसकी 11 साथी महिलाएं भी फंस गई थी, जिनमें से 2-3 को मौत का सामना करना पड़ा और बाकी महिलाएं भारी परेशानियों का सामना करने पर बाद सुरक्षित अपने घर पहुंची।

फरीदाबाद के रामनगर की रहने वाली महिला जलदेई ने बताया कि हम अपनी मर्जी से भोले बाबा के सत्संग में हाथरस गए थे, फरीदाबाद से पूरी बस भरकर सत्संग में पहुंची थी, जिसमें करीब 70-80 भक्त थे। महिला ने बताया कि बाबा ने किसी प्रकार की कोई घोषणा नहीं की, बल्कि जब लोग सत्संग से वापसी के लिए लौटना शुरू हुए, तब भगदड़ मची। जिसमें कुछ लोग गिर गए, जिसके बाद गिरने वालों की भीड़ लग गई और लोगों को हादसे का सामना करना पड़ा। इसलिए हादसे का जिम्मेदार हम किसे ठहराएं।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई महिलाएं और बच्चे फंस गए। भीड़ के कारण लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ने लगे और शवों के ढेर लग गए। अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं। हाल के वर्षों में यह सबसे बड़ी त्रासदी मानी जा रही है।

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17 घंटे बाद भी बाबा की नहीं कोई लोकेशन

भगदड़ तब हुई जब लोग भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए टूट पड़े। वॉलंटियर्स ने पानी की बौछार की जिससे लोग फिसल कर जमीन पर गिर गए। इसके बाद लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए भागने लगे। हादसे के बाद भोले बाबा फरार हो गए और पुलिस को 17 घंटे बाद भी उनकी लोकेशन नहीं मिल पाई है।

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यौन शोषण समेत 5 मुकदमें दर्ज

भोले बाबा का आश्रम 30 एकड़ में फैला हुआ है और उन्होंने अपनी खुद की आर्मी भी बना रखी है। उन पर यौन शोषण समेत 5 मुकदमे दर्ज हैं। यूपी पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल रहते हुए उन पर यौन शोषण का आरोप लगा था जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। वे जेल भी गए थे और बाहर आकर अपना नाम और पहचान बदल ली थी। अनुयायी उन्हें साकार विश्व हरि कहते हैं और उनकी पत्नी को मां जी। हर समागम कार्यक्रम में बाबा और उनकी पत्नी शामिल होती थीं। जब बाबा नहीं होते तो उनकी पत्नी प्रवचन देती थीं। तीन महीने से उनकी पत्नी का स्वास्थ्य खराब है इसलिए बाबा अकेले ही प्रवचन देने जाते थे।

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