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UPI Payment: सावधान! “फर्जी” ऐप से धोखाधड़ी, जानें कैसे शिकार बन रहा आपका विश्वास

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Noida पुलिस ने फर्जी यूपीआई पेमेंट ऐप से दुकानदारों को धोखा देकर फर्जी पेमेंट करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान आर्यन के रूप में हुई है, जो एनसीआर के रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को निशाना बना रहा था।

कैसे करता था ठगी?

आर्यन के मोबाइल में एक फर्जी यूपीआई पेमेंट ऐप इंस्टॉल था। यह ऐप असली ऐप की तरह ही काम करता दिखता है, जिसमें पैसा कटने की पुष्टि और पिन कोड डालने जैसी प्रक्रिया भी होती है। आरोपी दुकानदारों से सामान खरीदता और फर्जी ऐप के जरिए पेमेंट करने का नाटक करता। दुकानदार को स्क्रीन पर “पेमेंट सक्सेसफुल” दिखाता। जब दुकानदार बाद में अपने खाते की जांच करता, तो उसमें कोई ट्रांसजेक्शन नहीं दिखती।

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महंगी शराब खरीदने के चक्कर में फंसा

आर्यन अब तक करीब 2 लाख रुपए की फर्जी पेमेंट करके शराब, सिगरेट और अन्य सामान खरीद चुका है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को गेझा गांव की एक शराब दुकान से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से मोबाइल मिला है, जिसमें फर्जी ऐप इंस्टॉल है। पुलिस ने आरोपी से फर्जी ऐप का लाइव डेमो भी लिया।

किन लोगों को बनाता था निशाना

आर्यन भीड़भाड़ वाले इलाकों, रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को आसानी से शिकार बनाता था। ये लोग तकनीकी धोखाधड़ी को समझने में असमर्थ होते हैं और जल्दी से झांसे में आ जाते हैं।

आप कैसे रहें सतर्क

हर ट्रांजैक्शन के बाद तुरंत अपने बैंक अकाउंट या UPI ऐप पर बैलेंस चेक करें। केवल स्क्रीन पर पेमेंट दिखने पर भरोसा न करें। बैंक से आए SMS या UPI ट्रांजैक्शन आईडी का मिलान करें। अनजाने सोर्स से कोई ऐप डाउनलोड न करें। किसी ग्राहक की प्रक्रिया संदिग्ध लगे तो पेमेंट पूरी तरह कंफर्म किए बिना सामान न दें।

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