3 नवंबर 2024 यानी आज बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र के लिए Bhai Dooj का त्योहार मनाएंगी। त्योहार सिर्फ परंपराओं को निभाने के लिए नहीं होते, बल्कि रिश्तों को मजबूत करने और खुशियों को बांटने का अवसर प्रदान करते हैं। भाई दूज का त्योहार विशेष रूप से भाई-बहन के रिश्ते को हर साल और मजबूत बनाता है। इसे हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
शुभ मूहुर्त का समय
ज्योतिष गणना के अनुसार भाई दूज का आज सबसे खास मुहूर्त सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक सौभाग्य योग रहेगा। फिर शोभन योग शुरू हो जाएगा। इसके बाद तिलक का शुभ मूहुर्त दोपहर को 1 बजकर 10 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। वहीं इस दौरान अनुराधा नक्षत्र और बालव और कौलव करण का संयोग भी बन रहा है। इस संयोग में भाई को तिलक लगाने से रिश्तों में मिठास और विश्वास बना रहता है।
जानिए क्यों मनाया जाता है भाई दूज
कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाया जाने वाला भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को आदर सत्कार के साथ भोजन कराया था। यमराज के वरदान अनुसार जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके, यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। यमुना को सूर्य की पुत्री माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि वे सभी तरह के कष्टों को दूर करती हैं।
भाई दूज के दिन कैसे करें पूजा
भाई दूज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान व ध्यान करें और फिर घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर ईश्वर का ध्यान करें। इसके दिन यमराज और यमुना के साथ भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है। इस दिन पिसे चावल से चौक बनाने की परंपरा भी है। इसके बाद बहनें, भाई को तिलक लगाएं और फिर आरती उतारें।
आरती के बाद हाथ में कलावा बांधें और मिठाई खिलाएं। इसके बाद बहनें, भाई के हाथ में नारियल दें और फिर भाई को भोजन करवाएं। भोजन के बाद भाई, बहनों को उपहार दें और चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें।