हरियाणा शिक्षा मंत्री ने आज पंचकूला में तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन सहित रोजगारपरक कोर्सों को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए उद्योगों के साथ तालमेल कर पास आउट होने वाले विद्यार्थियों की अधिक से अधिक प्लेसमेंट सुनिश्चित हो। इस पर हमें भविष्य में जोर देना होगा।
इस अवसर पर बैठक में शिक्षाविदों, परीक्षाओं, और उद्योग भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) और छात्र परिणामों में सुधार के लिए रणनीतियां बनाने पर भी चर्चा की गई।
इस दौरान शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा ने कहा कि 21वीं सदी की आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण सुविधाओं, मशीनरी और उपकरणों तथा कंप्यूटर प्रणाली अपग्रेड की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में तकनीकी शिक्षा के शैक्षणिक मानकों को ऊपर उठाने के लिए योग्य शिक्षकों की सेवाएं लेना अति महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि हर स्तर की शिक्षा में राष्ट्र भाषा हिंदी को बढ़ावा देने की बात प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कही है और इस पर हमें अमल करना होगा। हिंदी माध्यम के लिए गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम सामग्री विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने समय पर मान्यता और परीक्षाओं के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती बनाने में भागीदारी निभाती है। उद्योगों के साथ वर्तमान में चल रहे समझौते-ज्ञापन को धरातल पर लागू करने के अलावा भविष्य के संभावित समझौता-ज्ञापनों (एमओयू) के बारे में पता करने के भी निर्देश दिए।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने हरियाणा की तकनीकी संस्थानों में प्लेसमेंट की गुणवत्ता पर जोर दिया और कहा कि 18 वर्ष की आयु में नौकरियां प्रदान करने में विभाग की भूमिका की सराहनीय रही है।
बैठक में तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक प्रभजोत सिंह, निदेशक डॉ. केके कटारिया, अतिरिक्त निदेशक डॉ. वाईपीएस बेरवाल उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड के (एचएसबीटीई) के अधिकारी भी उपस्थित रहे।