मीना कुमारी की फिल्म ‘पाकीजा’ कई वजहों से चर्चा में रही। जब फिल्म रिलीज हुई तो शुरुआत में कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन रिलीज के एक महीने में ही मीना कुमारी का निधन हो गया और फैंस सिनेमाघरों में उमड़ पड़े। जिसकी बदौलत फिल्म सुपरहिट बन गई। मीना कुमारी की आज 52वीं डेथ एनीवर्सरी है। आज से ठीक 52 साल पहले 31 मार्च 1972 को मीना कुमारी की मौत हुई थी। आज उनकी पुण्यतिथि पर उनके जिंदगी के कुछ किस्सों के बारे में जानते है।

हिंदी सिनेमा की क्लासिक फिल्म ‘पाकीजा’ और इस फिल्म की लीड एक्ट्रेस मीना कुमारी के कई दिलचस्प किस्सों की बात होती है। फिल्म की मार्मिक कहानी और इसके सुपरहीट गानों को आज भी याद किया जाता है। लेकिन इस फिल्म की शूटिंग के दौरान काफी कुछ ऐसा हुआ जिसके चर्चे भी होते रहते है। इन्हीं में से एक है मीना कुमारी का खूब शराब पीकर शूटिंग करना। पाकीजा फिल्म के एक गाने की शूटिंग के दौरान मीना कुमारी ने खूब शराब पी और सेट पर बेहोश हो गई थी।
ट्रजडी क्वीन मीना कुमारी

पाकीजा से अपनी अदाकारी का हर किसी को दीवाना बनाने वाली ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस में से एक थी। उनकी सुपरहिट फिल्में तो खूब चर्चा में रहती थी। पर्सनल लाइफ को लेकर भी अलग-अलग बातें की जाती थी।
माता-पिता की तीसरी बेटी थी मीना कुमारी

तीन बहनों में मीना कुमारी सबसे छोटी थी। उनकी दो बहनों के नाम इरशाद और मधु था। एक कहानी है कि जन्म के समय पैसों की तंगी की वजह से उनके पिता ने उन्हें किसी मुस्लिम अनाथालय के बाहर छोड़ दिया था, लेकिन कुछ देर बाद मन नहीं माना तो उसे फिर से घर लेकर आएं।
शूटिंग के दौरान शराब पीकर बेहोश हो गई थी मीना कुमारी

फिल्म पाकीजा को लेकर एक किस्सा मशहूर है कि इस फिल्म की शूटिंग होने तक मीना कुमारी को शराब पीने की लत लग चुकी थी। इसका असर उनकी सेहत पर हो रहा था। फिल्म के एक रोज गाने की शूटिंग करते वक्त तो उन्होंने इतनी शराब पी ली थी कि, सेट पर ही बेहोश होकर गिर पड़ी। जिसके बाद गाने की बाकी डांस सीक्वेंस को बॉडी डबल के साथ शूट करवाना पड़ा था।
डॉक्टर ने कहा था रोज एक पेग लेने

मीना कुमारी ने पहली बार कब पी? इसका पता नहीं चल पाया, लेकिन वरिष्ठ पत्रकार विनोद मेहता ने अपनी किताब मीना कुमारी द क्लासिक बायोग्राफी में लिखा है कि मीना कुमारी को उनके डॉक्टर सईद टिमर्जा ने नींद की गोलियों की जगह, रोज एक पेग ब्रांडी लेने का सजेशन दिया था। हालांकि यह सलाह इसलिए दी गई थी क्योंकि माना कुमारी रातों को जागा करती थी और दिन में भी नहीं सोती थी।
डेटॉल की बॉटल में मिली थी ब्रांडी

कमाल ने बताया था कि उस घटना के कुछ दिन बाद उनके बाथरुम की डेटॉल में एंटीसेप्तिटक की जगह ब्रांडी मिली। उस दिन से अमरोही रोजाना डेटॉल की बॉटल चेक किया करते थे, और यह सुनिश्चित करते थे कि कहीं मीना ने फिर से ब्रांडी पीनी शुरु तो नहीं की।
लंदन-स्विटजरलैंड में चला इलाज

मीना कुमारी शराब की इस कदर आदी हो चुकी थी कि उन्हें लिवर सिरॉसिस डाइग्नोस हुआ। एडवांस ट्रीटमेंट की दरकार हुई, इस कारण उन्हें जून 1968 में इलाज के लिए लंदन जाना पड़ा। डॉ. शैला शेरलॉक ने अगस्त 1968 तक उन्हें ट्रींटमेट दिया। लंदन से लौटने के बाद मीना कुमारी बेहद कमजोर हो चुकीं थी। इसके बाद उन्होंने 6 फिल्मों में काम किया।
नौकरानी को देखा ब्रांडी देते

एक इंटरव्यू में कमाल अमरोही ने बताया था कि ब्रांडी का एक पेग कब ढेर सारे पेग में बदल गया था इसका पता नहीं चला। एक दिन खुद कमाल ने नौकरानी को गिलास को ब्रांडी से आधा भरते देखा। जो डॉक्टर के बताए पेग से कहीं ज्यादा था। कमान ने नौकरानी को धमकाते हुए मीना को ब्रांडी न देने कहा, लेकिन उन्होंने पाया कि यह मीना कुमारी की आदत बन चुकी थी।
शराब की लत ने ली जान

1962 की बात है जब मीना कुमारी कि फिल्म साहिब बीवी और गुलाम आई। इसमें उनका छोटी बहू का किरदार खूब पंसद किया गया। इस किरदार में उन्होंने खूब शराब पी और उनकी पर्सनल लाइफ भी बिल्कुल इसी फिल्म की तरह बनती गई। शादीशुद जिंदगी ठीक से न चलना, पिता से खराब रिश्तों की वजह से उन्होंने शराब पीना शुरु किया। इसकी वजह से उनकी सेहत बिगड़ती गई और 31 मार्च 1972 को उनका निधन हो गया।