Aarushi ने Chandrayaan-3 की एंकरिंग कर देश-विदेश में गाड़े हरियाणा के झंडे, Vikram Lander कंट्रोल यूनिट की भी संभाली कमान

अंबाला बड़ी ख़बर

जहां एक ओर चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर पूरी दुनिया लाईव टेलीकास्ट को देखकर खुशी जाहिर करते हुए गर्व महसूस कर रही थी, वहीं दूसरी ओर चंद्रयान-3 के कार्यो पर लगे वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों की सांसे तब तक अटकी हुई थी, जब तक चंद्रयान-3 पूरी तरह से चंद्रमा पर पहुंच नहीं गया। साथ ही कुछ वैज्ञानिक द्वारा पूरे देश को पल-पल की जानकारी भी दी जा रही थी। जिसमें हिंदी के साथ-साथ इंग्लिश में भी लाइव टेलीकास्ट किया गया। खास बात यह है कि इंगलिश में लैंडिंग की पल-पल की जानकारी देश-दुनिया को दे रही वैज्ञानिक कोई और नहीं, बल्कि हरियाणा के अंबाला जिले की बहू आरुषि सेठ है।

बता दें कि आरुषि सेठ इसरो में अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं और चंद्रयान-3 में विक्रम लैंडर कंट्रोल यूनिट में कार्यरत हैं, जो इतिहास रचाने के उन पलों के दौरान विक्रम लैंडर कंट्रोल यूनिट की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। जब चंद्रयान-3 की लैंडिंग का काउंटडाउन शुरू हुआ तो देश और पूरी दुनिया को इसरो की तरफ से आरुषि सेठ ही पल-पल की जानकारी दे रही थीं।

अंबाला से गहरा नाता

आरुषि सेठ का हरियाणा के अंबाला जिले से बहुत गहरा नाता है, क्योंकि मूलरूप से हैदराबाद निवासी आरुषि सेठ की शादी अंबाला के सेक्टर-9 निवासी सिद्धार्थ शर्मा से हुई है, सिद्धार्थ का पैतृक गांव थंबड़ है। आरुषि और सिद्धार्थ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस सांइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईआईएसटी) से पढ़े हैं।

आरुषि और सिद्धार्थ दोनों रह रहे बैंगलुरू

अंबाला से जिला आयुर्वेदिक अधिकारी शशीकांत शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके चचेरे भाई सिद्धार्थ ने आईआईएसटी से पढ़ाई की। यहां सिद्धार्थ की मुलाकात आरुषि सेठ के साथ हुई थी। आरुषि के पिता अजय कुमार सेना में आई सर्जन थे और मां डॉ. संगीता स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। आरूषि के माता-पिता अब गुरुग्राम में रहते हैं। आरुषि और सिद्धार्थ ने शादी करने का फैसला लिया और अंबाला सिटी में दोनों परिणय सूत्र में बंधे। अब दोनों बैंगलुरु में रहते हैं और उनका अंबाला से विशेष लगाव है, जो कि अंबाला आते रहते हैं।

सिद्वार्थ कर रहे अंतरिक्ष क्षेत्र में कार्य करने वाली निजी कंपनी में काम

वहीं शशीकांत शर्मा ने बताया कि सिद्धार्थ के पिता डॉ. सुरेंद्र प्रकाश शर्मा उनके चाचा हैं, जो कैथल में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी रिटायर हुए हैं। अब अंबाला के सेक्टर-9 में रहते हैं। इसके बाद आरुषि इसरो में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बन गईं। सिद्धार्थ आईआईएसटी अंतरिक्ष क्षेत्र में कार्य करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी में कार्य कर रहे हैं। सिद्धार्थ की पढ़ाई बराड़ा के डीएवी स्कूल से हुई है।