भिवानी के बवानीखेड़ा के गांव अलखपुरा की बेटियां खेलों में नाम रोशन करने के बाद अब देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। बता दें कि गांव की बेटियों ने फुटबाल में नाम रोशन करने के बाद अब देश की रक्षा के लिए कदम आगे बढ़ा दिए हैं। बेटियों ने देश ही नहीं बल्कि पूरे गांव का भी नाम रोशन किया है।
फुटबालर समीक्षा, सुषमा, ममता और पूजा ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की सिलीगुड़ी सशस्त्र सीमा बल में सिपाही के पद ज्वाइन भी कर लिया है। माता-पिता भी बेटियों की इस पर उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
खेल कोटे के आधार पर हुआ सशस्त्र सीमा बल में चयन
गांव की चारों बेटियों का खेल कोटे के आधार पर चयन हुआ है। करीब एक माह पहले उनकी सशस्त्र सीमा बल में सीधा फिजिकल हुआ था। इसके आधार पर उनका चयन किया गया। इनके अलावा पहले भी गांव की छह बेटियां विभिन्न सुरक्षा बलों में हैं।
गांव की अधिकतर बेटियां फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी
कोच सोनिका बिजराणिया व बनिता राय बताया कि सुरक्षा बलों में तैनात अधिकतर बेटियां फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं। हाल ही में पूजा बड़सरा, समीक्षा जाखड़, ममता मिटारवाल व सुषमा चौहान का सशस्त्र सीमा बल में सिपाही के पद पर चयन हुआ है।
फिलहाल चारों खिलाड़ी अमृतसर की गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी में बीपीएड अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। समीक्षा के पिता अनिल, ममता के पिता मनीष एक छोटे स्तर के किसान हैं। वहीं सुषमा के पिता रामकिशन गांव के सरकारी स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं तो पूजा पिता का अपना कारोबार है।
गांव की कई बेटियां पहले से ही सुरक्षा बल में तैनात
समीक्षा दो भाई बहनों में बड़ी है। उसका छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है। सुषमा पांच भाई बहनों में बीच की है। उसकी एक बड़ी बहन शादीशुदा है तो दूसरे नंबर की बहन कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। ममता पांच बहनों में सबसे बड़ी है। ममता की बहनें फुटबॉल की खिलाड़ी है।
पूजा दो भाई बहनों में बड़ी है। उसका छोटा भाई 12वीं में पढ़ रहा है। इससे पूर्व, गांव की मंजू, पूनम शर्मा, नीशा बगड़िया, स्वाती यादव, पूजा बगड़िया व नीलम भी सुरक्षा बलों में पहले से ही तैनात हैं। बेटियों की इस शानदार उपलब्धि पर खिलाड़ियों की कोच सोनिका बिजारणिया व कोच बनिता राय, गोवर्धन दास पीटीआई, मनीष लांबा, सुरेश जाखड़ ने खुशी जताई है।