चरखी दादरी में रेडक्रॉस के माध्यम से एक साल में आर्थिक रूप से कमजोर युवतियों और महिलाओं को वाहन चालक प्रशिक्षण देने वाला चरखी दादरी प्रदेश का पहला जिला बन गया है।
3 जनवरी 2022 को रेडक्रॉस के माध्यम से जिले की 1.80 लाख रुपये सालाना आय से कम की युवतियों और महिलाओं को वाहन चालक का प्रशिक्षण देने के लिए चरखी दादरी और बाढड़ा दो प्रशिक्षण केंद्रों का चयन किया गया था।
400 युवतियों को दिया जा चुका है प्रशिक्षण
इस समय भी 18 वर्ष से अधिक आयु की 100 से अधिक युवतियां और महिलाएं दोनों केंद्रों पर वाहन चालक का प्रशिक्षण ले रही हैं। हालांकि रेडक्रॉस की ओर से एक वर्ष में 200 महिलाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन एक वर्ष आठ माह के समय में ही 400 युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस समय 100 से अधिक युवतियां और महिलाएं प्रशिक्षण ले रही हैं।
ट्रेनिंग के बाद एजेंसी की ओर से दिया जाएगा प्रमाणपत्र
रेडक्रॉस के माध्यम से महिलाओं को निशुल्क वाहन चालक का प्रशिक्षण देने में भी चरखी दादरी प्रदेश का पहला जिला है। रेडक्रॉस की ओर से दादरी में जेएसजेबी और बाढड़ा में एसएस मोटर्स ड्राइविंग स्कूल को हायर किया हुआ है। शर्तों को पूरा कर ड्राइविंग सीखने की इच्छुक बेटियां और महिलाएं रेडक्रॉस सोसायटी कार्यालय में संपर्क कर ट्रेनिंग के लिए पंजीकरण करवा सकती हैं।
वहां उन्हें गाड़ी सीखाने का समय भी बता दिया जाएगा। 15 दिन वाहन चलाने का प्रशिक्षण देने के बाद रेडक्रॉस और मोटर ट्रेनिंग एजेंसी की ओर से प्रमाणपत्र दिया जाता है। एक वर्ष में 200 बेटियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा था। 20 माह के दौरान 400 से अधिक ने प्रशिक्षण लिया है तथा यह क्रम जारी है।
3 जनवरी को विधायक ने किया था शुभारंभ
महिला सशक्तीकरण के तहत जिला प्रशासन ने अंत्योदय परिवार की बेटियों और महिलाओं के लिए पिछले वर्ष 3 जनवरी से निशुल्क ड्राइविंग ट्रेनिंग शुरू किया था। विधायक नैना चौटाला और तत्कालीन जिला उपायुक्त प्रदीप गोदारा ने प्रशिक्षण केंद्र की गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरूआत की थी।
जिला प्रशासन की ओर से बेटियों को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह प्रशिक्षण शुरू किया गया था। प्रशासन की इस सेवा का लाभ उन्हीं बेटियों को दिया जा रहा है जिनके परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख से कम है और वो 12वीं तक पढ़ी हैं।