Haryana सरकार ने राज्य के निकायों में कार्यरत रिटायर्ड कर्मचारियों (सलाहकारों) को झटका देते हुए उनके वित्तीय अधिकार वापस ले लिए हैं। शहरी और स्थानीय निकाय विभाग (ULB) की ओर से जारी किए गए निर्देशों के तहत, सभी निगमों को यह आदेश दिया गया है कि वर्तमान में वित्तीय निर्णय लेने वाले पदों पर कार्यरत सभी रिटायर्ड कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं।
अब से, इन सलाहकारों को केवल सलाह और पर्यवेक्षी कार्य दिए जाएंगे, जबकि वित्तीय निर्णय और पेमेंट प्रोसेसिंग जैसे कार्य निगम के कर्मचारियों और संबंधित अधिकारियों द्वारा ही किए जाएंगे। सरकार का कहना है कि यह कदम सरकारी प्रोटोकॉल और नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए उठाया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
यूएलबी विभाग का कहना है कि कई बार रिटायर्ड कर्मचारियों को वित्तीय निर्णय लेने और पेमेंट प्रोसेसिंग जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंप दी जाती थीं, जो कि सरकारी नियमों के खिलाफ थीं। अब से, इन कार्यों को केवल विशेष जिम्मेदारी वाले अधिकारियों द्वारा ही किया जाएगा।
इस निर्णय के बाद, कुछ सलाहकारों ने बताया कि उनके पास कभी भी वित्तीय अधिकार नहीं थे, जबकि कुछ विभागों में उन्हें यह अधिकार सौंपे गए थे। अब सरकार ने इन्हें तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है।