हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (NCTE) के परख विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का आगाज आज से हो चुका है। यह कार्यशाला 30 दिसम्बर 2024 से 03 जनवरी 2025 तक चलेगी और इसका मुख्य उद्देश्य शैक्षिक मूल्यांकन में मानकीकरण और सर्वोत्तम प्रथा को बढ़ावा देना है।
यह कार्यशाला, जिसमें 40 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, एक नई प्रणाली – एच.पी.सी. (Holistic Progress Card) के बारे में विस्तार से चर्चा करेगी। एच.पी.सी. छात्रों की शैक्षिक प्रगति का एक नया और बहुआयामी मूल्यांकन करेगा, जिसमें शारीरिक, सामाजिक-भावनात्मक, साक्षरता और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।
शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, यह कार्ड छात्रों की केवल शैक्षिक उपलब्धियों के बजाय उनके समग्र विकास को मान्यता देगा। इसमें आत्म-जागरूकता, समस्या-समाधान की क्षमता और रचनात्मक सोच जैसी महत्वपूर्ण दक्षताओं का भी आकलन होगा।
क्या इस नए मूल्यांकन प्रणाली से बच्चों के भविष्य की दिशा बदलेगी? कार्यशाला में डॉ. पीयुष कमल और डॉ. जाहरा काजमी ने इस प्रणाली के महत्व और संभावनाओं के बारे में अपने अनुभव साझा किए।