जींद के उचाना के राजकीय स्कूल के प्रिंसिपल पर लगे 142 छात्राओं के यौन उत्पीड़न मामले में विधानसभा की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आरोपों के बाद इस कमेटी को जांच सौंपी गई थी। शिक्षा विभाग से प्रिंसिपल के खिलाफ हुई अब तक की शिकायतों और कार्यशैली पर रिपोर्ट मांगी गई है।
बता दें कि मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधीर राजपाल और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर से इस केस से जुड़ी रिपोर्ट तलब की गई है। कमेटी ने प्रिंसिपल के खिलाफ हुई शिकायतों और पुलिस की कार्रवाई का भी जांच करने का मंडेट प्राप्त किया है। घटना को लेकर गंभीरता से नजरें जुड़ी हुई हैं और कमेटी में शामिल विधायकों और विशेषज्ञों को मामले की विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया गया है। जिसमें शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि रोहतक, अंबाला सिटी और जुलाना से विधायकों को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। पिछले साल विधानसभा के विंटर सेशन में हुए हंगामे के बाद मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई थी, जिसमें पहले बनी गई कमेटी के अध्यक्ष के रूप में शिक्षा मंत्री को चुना गया। इसके साथ ही विधायकों को भी समिति के सदस्य बनाया गया है, जो इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे गंभीरता से लेकर जांचने का अधिकार दिया गया है।
मामले में पहले ही डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने प्रिंसिपल के खिलाफ 2005 और 2011-12 में भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके बाद भी उसने इसे लेकर कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के साथ तीखी बहस की थी, जिसमें दोनों ने आपसी आरोपों का सामना किया था। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के बीच तीखी बहस के बाद इस मामले की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने का निर्णय लिया गया था। बाद में कांग्रेस के विरोध के बाद हाईकोर्ट जज के बजाय विधानसभा की कमेटी का गठन करके जांच करवाने का निर्णय लिया। कमेटी 2005 से लेकर 2023 तक आरोपी प्रिंसिपल पर लगे सभी प्रकार के आरोपों की जांच करेगी।