Madhav App Scam : लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर संकट के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं। रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने बहुचर्चित महादेव एप सट्टा मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सूत्रों की मानें तो भूपेश बघेल और 21 अन्य लोगों के खिलाफ 4 मार्च को मामला दर्ज किया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले भूपेश बघेल का इस तरह से नाम आने से कांग्रेस के लिए कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में चुनावी रण में उतारा है।

गौरतलब है कि समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 34, 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि ईओडब्लू और एसीबी विंग ने महादेव बेटिंग एप के मालिकों से 508 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी लेने के मामले में भूपेश बघेल और 21 अन्य लोगों के खिलाफ 4 मार्च को मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।

वहीं ईडी के अनुसार इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6000 करोड़ रुपये है। ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो ईडी मामले की जांच कर रही है और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट के आधार पर 4 मार्च को भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि भूपेश बघेल और उनकी सरकार में मंत्री रहे नेताओं को महादेव सट्टा एप ने करोड़ों रुपये प्रोटेक्शन मनी दिया था। इतना ही नहीं, ईडी ने चंद्राकर और उप्पल के करीबी असीम दास को गिरफ्तार किया था। उसके पास से लगभग 3 करोड़ रुपये बरामद किए थे।
