BJP ने हमेशा खुद को कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों से बेहतर बताया है, खासकर परिवारवाद के मुद्दे पर। भाजपा ने बार-बार कांग्रेस और अन्य दलों पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। लेकिन आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में ऐसा लगता है कि भाजपा भी इस बार परिवारवाद से पूरी तरह बच नहीं पाएगी।
सूत्रों के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट पाने के लिए भाजपा के नेताओं ने अपने रिश्तेदारों की कतार पहले ही लगा दी है। इनमें केंद्रीय मंत्रियों से लेकर सांसद और विधायकों तक सभी अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हैं। हालांकि, भाजपा की “एक परिवार, एक टिकट” की नीति उनके आड़े आ रही है, लेकिन अगर उम्मीदवार जीतने वाला हो, तो पार्टी इस नीति में ढील भी दे सकती है।
RSS के फीडबैक से बढ़े टिकट के चांस
सूत्रों की मानें तो RSS के फीडबैक के बाद कुछ नेताओं के रिश्तेदारों के टिकट मिलने की संभावना और भी बढ़ गई है। इसके अलावा, भाजपा इस बार एंटी इनकंबेंसी के खतरे से भी जूझ रही है, ऐसे में पार्टी बड़े चेहरों या उनके रिश्तेदारों को टिकट देकर इस जोखिम को कम करने की कोशिश कर सकती है।
टिकट की कतार में कौन-कौन
आइए, उन नेताओं और उनके रिश्तेदारों पर नजर डालते हैं जो टिकट की कतार में शामिल हैं।
- किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी – दोवेदारी तोशाम सीट से।
- केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव – 2014 से लगातार टिकट की मांग कर रही हैं।
- कुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल – हिसार से दावेदारी।
- केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी – टिकट की मांग।
- भिवानी सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह के बेटे मोहित चौधरी – भिवानी हलके से दावेदारी।
- कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई – आदमपुर सीट से दावा।
- स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के भांजे अमित गुप्ता – पंचकूला से टिकट की मांग।
26 अगस्त को हो सकता है खुलासा
सूत्रों के अनुसार, 26 अगस्त को भाजपा द्वारा दावेदारों की सूची जारी की जा सकती है। अगर भाजपा में परिवारवाद की स्थिति बनी रहती है, तो विपक्षी दलों द्वारा इस मुद्दे पर भाजपा को घेरना तय है।