पेरिस ओलंपिक में भारत को अपने स्टार एथलीट Neeraj Chopra से बड़ी उम्मीद है। नीरज ने टोक्यो ओलंपिक 2018 में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था और एक बार फिर से उनसे पेरिस ओलंपिक में पदक लाने की उम्मीद है। नीरज चोपड़ा अगर इस बार भी गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हो जाते है तो वो इतिहास रच देंगे।
इसी बीच मीडिया को बयान में सतीश चोपड़ा ने बताया कि नीरज 31 जुलाई को पेरिस पहुंचे थे और उनके कोच और फिजियो द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार नीरज रोजाना 7 से 8 घंटे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्हें इस बार भी गोल्ड मेडल की उम्मीद है और वे टोक्यो ओलंपिक जैसा जश्न मनाना चाहते हैं। नीरज 90 मीटर का थ्रो पार करने की कोशिश करेंगे।
खिलाड़ी के दिन का महत्व
सतीश चोपड़ा ने कहा कि एक खिलाड़ी के लिए उसका दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह निर्भर करता है कि उस दिन खिलाड़ी की बॉडी कैसे काम करती है। मेहनत सभी खिलाड़ी करते हैं, लेकिन दिन का महत्व बड़ा होता है। 6 अगस्त को नीरज का क्वालीफाई मैच है, जो उनके फाइनल का सफर तय करेगा।
इतिहास रचने का मौका
अगर नीरज 8 अगस्त को स्वर्ण पदक जीतते हैं, तो वह भाला फेंक में लगातार दो व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगे। इससे पहले, स्वीडन के एरिक लेमिंग (1908 और 1912), फिनलैंड के जॉनी मायरा (1920 और 1924), चेक गणराज्य के जेलेजनी (1992, 1996 और 2000), और नॉर्वे के एंड्रियास थोरकिल्डसन (2004 और 2008) ने अपने खिताब का बचाव किया है।
इस साल की प्रतियोगिताएं
नीरज ने इस साल केवल तीन प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने मई में दोहा डायमंड लीग में 88.36 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। यह इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। उन्होंने जांघ की मांसपेशियों में दर्द के कारण ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक से नाम वापस ले लिया था। नीरज चोपड़ा से इस बार भी गोल्ड मेडल की उम्मीद है और उनकी तैयारियां कड़ी हैं।