पानीपत में श्री अवध धाम हनुमंत जन्मोत्सव को लेकर धार्मिक उत्सव का माहौल पूरे नगर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर रहा है। इस भव्य आयोजन के लिए जहां एक ओर मूर्तिकार संजय अग्रवाल की देखरेख में हनुमान जी की प्रतिमा को साकार रूप दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर समिति के सदस्य और नगर की धार्मिक-सामाजिक संस्थाएं मिलकर इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।
51 फीट का विशाल ध्वज, 3100 कलशधारी महिलाएं और ऐतिहासिक यात्रा का उल्लास
इस आयोजन की विशेषता है 12 अप्रैल को पानीपत के ऐतिहासिक किले से निकलने वाली हनुमंतध्वज रथ शोभायात्रा, जिसमें 51 फीट लंबा विशाल ध्वज मुख्य आकर्षण होगा। यात्रा में 3100 महिलाएं सिर पर कलश धारण कर भाग लेंगी और नगर के श्रद्धालुजन हनुमानगढ़ी (अयोध्या) से पधारे हनुमान जी के विग्रह का साक्षात दर्शन करने का सौभाग्य पाएंगे। यह शोभायात्रा इतिहास रचने जा रही है, जो न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती है बल्कि नगर के सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक भी बनेगी।
नगर में बैठकों और निमंत्रणों का दौर जारी, जन-जन में उत्साह
समिति के संयोजक संजय अग्रवाल ने बताया कि इस आयोजन को लेकर लगातार नगर के धार्मिक स्थलों एवं सामाजिक संस्थाओं के साथ बैठकों का दौर चल रहा है। बढ़ावा राम कॉलोनी स्थित श्री परशुराम मंदिर, जगदीश नगर के श्री शिव मंदिर, दलबीर नगर के प्राचीन शिव मंदिर सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर समिति के सदस्यों ने बैठकें कर निमंत्रण दिया। वेद पराशर ने जानकारी दी कि नगर की संस्थाएं पूरे उत्साह से इस यज्ञ में अपनी भागीदारी देने को आतुर हैं।
धर्म के प्रति जागरूकता की अनूठी पहल
संजय अग्रवाल ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने धर्म के प्रति न केवल संवेदनशील बल्कि समर्पित भी रहना चाहिए। यही समर्पण हमें एक सशक्त हिंदू राष्ट्र की कल्पना की ओर ले जा सकता है। इस आयोजन के माध्यम से धार्मिक एकता और अखंडता का संदेश दिया जा रहा है।
व्यापक जनसहभागिता और व्यवस्थाएं
श्री अवध धाम हनुमंत जन्मोत्सव समिति के सहसंयोजक सुरेंद्र गर्ग, मनीष जैन, प्रीतम गुर्जर, महेश थरेजा, मुकेश बॉस, वीरेंद्र शर्मा, विशाल वर्मा, विकास वर्मा, जेपी शर्मा, प्रमोद मित्तल, इशू गोयल, सुमित मित्तल, सुनील कंसल, डॉ. हेमा रमन और तिलकराज मिगलानी सहित कई पदाधिकारी लगातार नगर में घूमकर लोगों को यात्रा में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
नगर में जगह-जगह स्वागत द्वार सजाए जा रहे हैं और धार्मिक संस्थाएं शोभायात्रा के भव्य स्वागत की तैयारियों में जुटी हैं। यह आयोजन केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि सनातन परंपरा के गौरव का भव्य प्रदर्शन होगा।