Paris Olympics के बाद हॉकी टीम भारत वापिस आ गई है। वही ओलंपिक कांस्य मेडलिस्ट हॉकी प्लेयर सुमित भी अपने गांव पहुंचे। सोनीपत के गांव कुराड में पहुंचने पर सुमित का भव्य स्वागत किया और लाडले सुमित के लिए कई किलोमीटर स्वागत समारोह रखा गया।
वही गांव के हर वर्ग ने माला पहनकर बेटे का स्वागत किया है। सुमित ने कहा देश की दुआओं का असर है। साथ ही उसने कहा कि हॉकी के प्रति लोगों का बड़ा विश्वास है देशवासियों से की अपील विश्वास को कायम रखना। इसी प्रकार से झोली में मेडल डालते रहेंगे।
मां की बालियों का बनवाया लॉकेट
सुमित ने एक बार फिर मेडल अपनी मां को समर्पित किया और कहां मां से किया हुआ वादा हर बार पूरा करूंगा। मां की मृत्यु के बाद सुमित ने मां के कान की बालियों का एक लॉकेट बनवाया था और सुमित हमेशा लॉकेट में अपनी मां का फोटो साथ रखते हैं। वही स्वागत समारोह में पूरा गांव उमड़ा गया।
पेरिस ओलंपिक में हॉकी टीम कांस्य पदक जीतकर अपने वतन पहुंची और जहां हॉकी प्लेयर सुमित का सोनीपत में पहुंचने पर जोरदार और भव्य स्वागत किया गया है। वही ढोल नगाड़ों और एक लंबे काफिले के साथ सुमित को धूम धड़ाके के साथ गांव ले जाया गया। गांव के लोगों ने फूल मलाएं डालकर उनका जोरदार स्वागत किया है। वही भारत लौटने पर सुमित ने अपनी खुशी जाहिर की है।
कहा लोगों की दुआओं का असर है
ओलंपिक हॉकी खिलाड़ी सुमित का कहना है कि आज भारत लौटने के बाद उनका जोरदार स्वागत हो रहा है तो उन्हें काफी खुशी महसूस हो रही है। पूरा गांव उनके स्वागत में पहुंचा है खुशी का पूरा माहौल बना हुआ है और यह पूरे देश और मेरे लिए खुशी का पल है। वही मेडल मिलने के बाद उसने कहा कि यह पूरे देश की दुआओं का असर है।
वही सुमित ने कहा कि हॉकी को लेकर अब लोगों की सोच बदल रही है और जिस प्रकार से पिछले ओलंपिक में भी भारत का मेडल आया था और एक बार फिर मेडल आया है तो लोग हॉकी को ज्यादा तवज्जोह देने लगे हैं। वही सुमित ने यह भी कहा है कि हॉकी को लोग ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट करें और हम इसी प्रकार से मेडल भारत की झोली में डालते रहेंगे।
रेड कार्ड होने बाद भी टीम ने मैच जीता
सुमित ने बताया कि सबसे बड़ा चैलेंज उस वक्त हो गया था जब वही ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ खेलते हुए जब भारत के 10 खिलाड़ी रह गए थे तो उस दौरान वह हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण मैच था क्योंकि भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को रेड कार्ड हो गया था।
फिर भी हमारे टीम ने मैच जीता। वही फाइनल मुकाबले के दौरान टीम ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और जिसके चलते भारत की झोली में मेडल आया है। एक बार फिर सुमित ने कहा कि मेडल मां के नाम समर्पित है। मैच खेलने के दौरान मां से किया हुआ वादा हमेशा याद रहता है।